11 सितंबर को 10 साल पुराने वारंट के मामले में जेल भेजा गया था बंदी अनिल तिवारी
मौत की खबर पर जेल के बाहर परिजनों ने लगाया जाम
UP TIMES NEWS- 10 साल पुराने एससी एसटी के मामले में जेल गए बंदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा काटा। हत्या का आरोप लगते हुए जेल के बाहर जाम लगा दिया। पत्नी ने जेल अधीक्षक सहित सात के विरुद्ध नामजद तहरीर दी है।
सदर कोतवाली के सूरजपुर निवासी अनिल तिवारी 33 एससी-एसटी एक्ट के दस साल पुराने मामले में वारंट होने के चलते बीते 11 सितंबर को जेल गया। वहां अचानक रविवार को उसकी तबियत बिगड़ने की बात कह जेल प्रशासन ने जिला अस्पताल भेजा। जहां डॉक्टरों ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया। पिता के दिल्ली से लौटने के चलते रविवार को पोस्टमार्टम नहीं हो सका। सोमवार को मोर्चरी पहुंचे परिजनों को शव देखने से मना कर दिया गया। इससे नाराज परिजनों ने जेल के सामने जाम लगा दिया। परिजन शव देखने व उसका वीडियो बनाने की मांग करने लगे। मौके पर पहुंचे सदर विधायक डॉ. मनोज प्रजापति ने तहसीलदार व सदर कोतवाल से बात कर परिजनों की मांग पूरी करने को कहा। इस पर परिजनाें ने शव पर कई चोटों के निशान देखे। मृतक के पिता श्रीकृष्ण व पत्नी पूजा ने जेल प्रशासन पर पीटकर हत्या करने का आरोप लगाया है। पत्नी ने सदर कोतवाली में जेल अधीक्षक, जेलर चंदीला, डिप्टी जेलर संगेश, पुलिस कर्मी अनिल यादव, लंबरदार दीपक, दिलीप, राइटर विनय सिंह के खिलाफ मारपीट कर हत्या करने की तहरीर दी है। घटना के संबंध में पुलिस का कहना है कि मामले की छानबीन की जा रही है।