बाँदा- प्रसव के बाद प्रसूतिकाओं के उपचार की डीएम ने बढ़ाई लिमिट

नवजात शिशुओं के जन्म देने के बाद 48 घंटे तक होगा प्रसूतिकाओं का उपचार

बेहतर उपचार के लिए डीएम ने लिया निर्णय,स्वास्थ्य विभाग को दिए निर्देश

UP TIMES NEWS- प्रसव के बाद महिलाओं को बेहतर उपचार के लिए डीएम ने अस्पताल में 48 घंटे तक भर्ती रखने के निर्देश दिए हैं । ताकि उनका सही से उपचार हो सके। परिजनों के कहने के बावजूद इससे पहले उन्हें डिस्चार्ज न करने की डीएम ने नसीहत दी है।
जिलाधिकारी जे0 रीभा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिये कि गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी के पश्चात अस्पताल में प्रत्येक दशा में 48 घण्टें तक भर्ती रखा जाए, जिससे उनको बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके। उन्होंने परिवार नियोजन के कार्य में बबेरू एवं बडोखर खुर्द में प्रगति लाने के निर्देश दिये। एम्बुलेन्स सेवा में समय की उपलब्धता का विशेष ध्यान रखे जाने हेतु निर्देशित किया। जिन स्वास्थ्य केन्द्रों में विद्युत कनेक्शन स्थायी रूप से नही किया गया है, उनमें तत्काल विद्युत कनेक्शन कराया जाए। जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों का समय से भुगतान करने एवं ई संजीवनी ओपीडी में तिन्दवारी एवं बिसण्डा में प्रगति लाने के निर्देश दिये।
उन्होंने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत जीरो पावर्टी एवं 70 वर्ष से अधिक के लाभार्थियों का प्राथमिकता पर आयुषमान कार्ड बनाये जाने के निर्देश दिये। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रभारी चिकित्सा अधिकारी तिन्दवारी एवं जसपुरा में सम्पूर्ण टीकाकरण कराये जाने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने ड्राप आउट बच्चों का शत प्रतिशत टीकाकरण कराये जाने हेतु निर्देश दिये। कमजोर बच्चों को चिन्हीकरण के पश्चात एनआरसी सेन्टर में इलाज हेतु भर्ती कराये जाने तथा राष्ट्रीय दृष्टि रोग निवारण कार्यक्रम में ऑपरेशन एवं चश्मों का वितरण कराये जाने हेतु कैम्प आयोजित करने के निर्देश दिये। उन्होंने राष्ट्रीय क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत हाई वर्नरेबल ग्राम पंचायतों एवं अन्य पंचायतों में क्षय रोगी का चिन्हाकंन किये जाने तथा ग्रामों को टीबी मुक्त पंचायत बनाये जाने के निर्देश दिये। परिवार नियोजन कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को दिये। उन्होंने आरआई एवं पेन्टावन के अन्तर्गत जसपुरा में ध्यान दिये जाने के निर्देश दिये। स्कूलों में आरबीएसके टीमों द्वारा बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किये जाने हेतु एक रजिस्टर बनायें एवं टीम के स्कूल में भ्रमण का डीटेल अंकित किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने आरबीएसके टीमों के द्वारा चिन्हित किये गये अति कुपोषित बच्चों को एनआरसी सेन्टर स्वास्थ्य लाभ हेतु भर्ती कराये जाने के सम्बन्ध में प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना एवं संस्थागत प्रसव की समीक्षा करते हुए संस्थागत प्रसव बढाये जाने एवं अवशेष आशाओं का चयन शीघ्र कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान एवं प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना की समीक्षा करते हुए चिकित्सा अधिकारियों को इन योजनाओं में विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश दिये। हालांकि पहले डिलीवरी के बाद गर्भवती महिलाओं की 24 घंटे बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाता था। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अजय कुमार पाण्डेय,मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ0 बिजेन्द्र सिंह,एसीएमओ डाॅ0 जय प्रकाश एवं आर एन प्रसाद, सीएमएस डाॅ0 सुनीता सिंह,समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारी सहित सम्बन्धित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी एवं चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे।

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